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History of Vaccines / वैक्सीन का इतिहास 

Note : This story is published in children’s monthly magazine ‘Bal Bharati’ in June 2021.

वैक्सीन का इतिहास 

सारिका अपनी ऑनलाइन क्लास ख़त्म करके ड्राइंग रूम में आई तो उसने अपने भाई सुधीर से पूछा भइया, दादा-दादी कहां गए? सुधीर ने बनाया वो तो वैक्सीन लगवाने गए हैं। ये सुनकर सारिका बोली वैक्सीन मतलब इंजेक्शन, मतलब सुई। फिर तो उन्हें बहुत दर्द होगा। सुधीर ने उसे समझाया कि अरे लेकिन वैक्सीन लगवाएँगे तभी तो कोरोनावायरस से बच पाएँगे। और वैक्सीन कोई नई चीज़ नहीं है। जब-जब दुनिया में कोई महामारी हुई है… तब-तब वैक्सीन लगाई जाती है। क्योंकि वैक्सीन ही बचाव है। इतने में दादा-दादी वापिस आ गए। सारिका उछलती हुई उनके पास जाने लगी तो दादा जी ने रोका। अरे रुको ऐसे हमारे पास नहीं आओ। अभी हमें अपने हाथ सैनिटाइज़ करने दो। कपड़े बदलने दो।  सारिका रुक गई और सुधीर से पूछने लगी। क्या मुझे भी वैक्सीन लगेगी ? सुधीर ने सारिका को समझाया कि जब हम छोटे थे, तो हमें वैक्सीन लगी थी। दुनिया में अलग-अलग समय पर प्लेग, चेचक, हैजा, टाइफॉयड, टेटेनस, रेबीज़, टीबी, पोलियो जैसी कई महामारी फैली थी।  इनकी वजह से लाखों-करोड़ों लोगों की जान गई थी।  फिर वैज्ञानिकों ने शोध किया और पाया कि किसी भी संक्रामक बीमारी की रोकथाम के लिए वैक्सीन बहुत ही अच्छा तरीक़ा है।  सारिका को बात अच्छी तो लगी लेकिन अब उसके मन में सवालों की बौछार होने लगी। तो उसने सवाल पूछने शुरु किए। अच्छा तो सबसे पहले किस बीमारी की वैक्सीन बनी थी ? सबसे पहली वैक्सीन किसे लगी थी ? पहली वैक्सीन कब बनी थी ? सुधीर सोच में पड़ गया।  इतने में दादा जी आ गए। उन्होंने बताया दुनिया में पहली वैक्‍सीन वर्ष 1796 में आई थी। यानी आज से 225 वर्ष पहले। सारिका चौंक गई और बोली क्या वैक्सीन इतनी पुरानी होती है दादा जी ? दादा जी हंसे और बोले नहीं ये तो पहली वैक्सीन तब बनी थी। कोरोनावायरस की वैक्सीन तो अभी 2020 में ही बनी है। वैज्ञानिक लगातार वैक्सीन बनाने पर काम कर रहे हैं। हर बार एक नई आपदा आती है, एक नई बीमारी फैलती है तो वैज्ञानिक उसकी वैक्सीन बनाने में जुट जाते हैं। अब सारिका को बात कुछ समझ में आई तो उसने दादा जी के सामने अगला सवाल रखा कि सबसे पहली वैक्सीन कौन सी बीमारी के लिए बनाई गई थी? तो दादा जी ने बताया कि दुनिया की पहली वैक्सीन स्मॉलपॉक्स यानी चेचक के लिए बनाई गई थी। 1796 में अंग्रेज चिकित्‍सक एडवर्ड जेनर ने इसका आविष्‍कार किया था। अब सारिका को ये भी जानना था कि आख़िर एडवर्ड जेनर ने वैक्सीन बनाई कैसे? इतने में दादी चाय और दूध ले आईं। बच्चों को बोला दूध पी लो। और दादा जी को चाय पकड़ाई। चाय पीते-पीते दादा जी ने वैक्सीन के बनने की कहानी सुनानी शुरु की। बात 1772 की है जब एडवर्ड जेनर ने अपनी डॉक्टरी की शुरुआत की और पहली वैक्सीन बनने की कहानी भी यहीं से शुरू होती है। एक रिसर्च के दौरान एडवर्ड जेनर ने पाया कि स्मॉलपॉक्स का असर दूध का व्यवसाय करने वाले ग्वालों और उनके परिवार पर कम होता है। यानी जो लोग डेयरी उद्योग में काम करते हैं और वे काऊपॉक्स से संक्रमित होते है, उन्हें इससे जुड़ी बीमारी नहीं होती है। जेनर ने अपने प्रयोग में गाय में होने वाली चेचक के फफोलों का मवाद लिया और आठ साल के एक बच्चे की बांह में डाल दिया। एडवर्ड ने बच्चे के शरीर में चेचक के जीवाणु डाले। लेकिन लड़के को बीमारी नहीं हुई। जेनर ने कुछ समय बाद फिर से ऐसा ही किया, लेकिन लड़के को फिर से कोई बीमारी नहीं हुई। एडवर्ड ने इसका मतलब निकाला कि लड़के के शरीर में एंटी बॉडी बन चुके थे। इसके बाद एडवर्ड ने स्मॉलपॉक्स का टीका बनाया। ठीक इसी तरह रेबीज़ भी एक ऐसी बीमारी है, जिसका संक्रमण जानलेवा होता है। प्रसिद्ध फ्रेंच वैज्ञानिक लुई पाश्चर ने रेबीज़ के वैक्सीन की खोज की। इससे लोगों को फ़ायदा हुआ तो लुई पाश्चर ने डिप्थीरिया, टेटनस, एंथ्रेक्स, हैजा, प्लेग, टाइफॉयड, टीबी समेत कई बीमारियों के लिए वैक्सीन बनाए। सुधीर इन बातों को ध्यान से सुन रहा था।  और सारिका के मन में भी कौतूहल जारी रहा। तो सुधीर ने तुरंत अपने लैपटॉप की तरफ़ इशारा करते हुए कहा ये तो कुछ भी नहीं इसके बाद भी अलग-अलग बीमारियों के लिए वैक्सीन बने हैं। ये चार्ट देखिए… 

1921टीबी से बचाव के लिए बैसिलसकैल्मेट-गुएरिन (BCG) वैक्‍सीनविकसित की गई
1923डिप्थीरिया की बीमारी से बचने केलिए वैक्सीन बनाई गई
1926टेटेनस की बीमारी से बचने के लिएवैक्सीन का आविष्कार हुआ 
1936मैक्स थैलर और उनके सहयोगी नेपहली बार येलो फीवर से बचने केलिए वैक्सीन का ईजाद किया 
1944जापानी इनसेफेलाइटिक बुखार केलिए वैक्सीन की खोज की गई
1945पहली बार फ्लू वैक्सीन बनी 
1960अल्बर्ट सैबिन ने पोलियो वायरस केवैक्सीन की खोज की 
1963खसरा के टीके को लाइसेंस मिला 
1969रुबेला वायरस की वैक्सीन बनाईगई 
1971खसरा, गलसुआ, और रुबेला केसंयुक्त वैक्सीन (MMR) काइस्तेमाल शुरु हुआ 
1986हेपाटाइटिस-B के रिकॉम्बिनेंट वैक्सीनको लाइसेंस दिया गया।  येहेपाटाइटिस-B टीका रिकॉम्बिनेंटDNA विधियों से तैयार पहला मानवटीका था।  
2009एच1एन1 के खिलाफ वैक्सीन बनानेमें सफलता मिली 
2020कोरोनावायरस की वैक्सीन रिकॉर्डसमय में तैयार की गई 

सारिका को ये चार्ट देखकर सारी बात समझ में आ गई… लेकिन बच्चे का चंचल मन अब भी थोड़ा परेशान था… तो दादी ने सारिका से पूछा क्या हुआ, अब क्या सोच रही हो। सारिका बोली इतनी सारी बीमारियों के लिए वैक्सीन तो बन गई लेकिन इसे वैक्सीन क्यों कहते हैं? दादी ने सिर पीटा और बोली तेरे मन में इतने सारे सवाल आते कहां से हैं। लेकिन दादा जी ने तुरंत ही बच्ची के मन में उठ रहे सवालों को सँभाला और बताया वैक्सीन शब्द का इस्तेमाल पहली बात एडवर्ड जेनर ने ही किया था… जिन्होंने स्मॉलपॉक्स के वैक्सीन की खोज की थी। ये खोज गायों से जुड़ी थी तो एडवर्ड ने लैटिन भाषा के शब्द वैक्का का इस्तेमाल किया जिसका मतलब होता है गाय। और ऐसे बना शब्द वैक्सीन। 

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